जानिए आखिर - नाग पंचमी क्यों मनाया जाता हैं?

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नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। नाग पंचमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

नाग पंचमी क्यों मनाया जाता हैंइस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और लोग नाग देवता को दूध, फल, फूल आदि चढ़ाते हैं। इस दिन लोग लकड़ी, चांदी या पत्थरों से नाग बनाते है तो वही 

कई जगहों पर तो लोग जिंदा नागों को भी दूध-दही पिलाकर उनकी पूजा करते हैं। नाग पंचमी के अवसर पर घरों में नाग देवता की मूर्तियां सजाई जाती हैं और उनकी विशेष पूजा की जाती है। 

मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति को सांप के काटने से बचाव मिलता है। इसलिए लोग इस दिन नाग देवता से अपने परिवार की रक्षा की कामना करते हैं। भारतीय संस्कृति में नागों को पवित्र माना जाता है और नाग पंचमी उनके प्रति सम्मान दर्शाता है।

नाग पंचमी मनाने का महत्व

नाग पंचमी पर नागलोक के स्वामी नाग देव की पूजा की जाती है। यह भारत के अलावा नेपाल सहित विश्व के कई देशों में मनाया जाता है। सांप से लोगों को डर लगता है क्योंकि उन्हें काल का प्रतीक माना जाता है। लेकिन नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने से डर दूर हो जाता है। इस दिन भक्त नाग देव को दूध अर्पित करते हैं और घरों पर नाग की तस्वीरें लगाते हैं।

नाग पंचमी पर महिलाएं नाग को अपना भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है मान्यता है कि अगर आपके परिवार में किसी की मृत्यु सांप के काटने से हुई है तो आपको एक साल तक पंचमी को व्रत करना चाहिए 

महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित भारत के कई क्षेत्रों में नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा होती है। यह त्योहार नागों की रक्षा करने के लिए भी जाना जाता है।

नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथाएँ

नाग पंचमी बहुत ही पुराना त्योहार है जो भारत में कई सदियों से मनाया जा रहा है। इस त्योहार का उल्लेख हमें हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों जैसे अग्नि पुराण, स्कंद पुराण, नारद पुराण और गरुड़ पुराण में मिलता है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा के पुत्र कश्यप ने प्रजापति की बेटी कुद्रू और विनता से विवाह किया। और कुद्रू ने नाग कुल को जन्म दिया।

गरुड़ पुराण में नाग पंचमी पर नाग देवताओं को दूध और मिठाइयाँ चढ़ाने का उल्लेख है। मान्यता है कि ऐसा करने से हमें जीवन में सकारात्मकता मिलती है। सांपों को दूध पिलाने के बाद ब्राह्मणों को भी दूध पिलाया जाता है। इस त्योहार की उत्पत्ति से जुड़ी बहुत-सी कथाएं प्रचलित हैं।

नाग पंचमी से जुड़ी कथा में से एक कथा राजा तक्षक और राजा जन्मेजय से संबंधित है। महाभारत के अनुसार, राजा तक्षक ने राजा जन्मेजय के पिता परीक्षित की हत्या कर दी थी। इससे क्रोधित होकर राजा जन्मेजय ने नागों का सर्वनाश करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। लेकिन आस्तिक ऋषि ने यज्ञ रोक दिया। उसी दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। 

एक और कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसी दिन कालिया नाग का वध किया था जो गोकुल निवासियों के लिए खतरा था। इसीलिए नाग पंचमी मनाई जाती है।

नाग पंचमी को लेकर मान्यता

नाग पंचमी को लेकर लोगों का विश्वास है कि भगवान शिव सांपों से प्यार करते हैं इसलिए लोग सांपों की पूजा करके भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव सबसे क्रोधी देवताओं में से एक हैं और उनके क्रोध से किसी का भी जीवन बर्बाद हो सकता है। कुछ लोग नाग पंचमी पर जीवित सांपों की भी पूजा करते हैं और उन्हें दूध और फूल अर्पित करते हैं।

नाग देवता को दूध-फूल चढ़ाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए नाग पूजा करती हैं। और विवाहित महिला परिवार की रक्षा के लिए प्रार्थना करती है

हम नाग पंचमी कैसे मनाते हैं

नाग पंचमी के दिन भक्त जीवित सांपों या नागों की मूर्तियों को दूध अर्पित करते हैं। कुछ क्षेत्रों में नागों को चांदी के बर्तन में चावल की खीर और कमल के फूल भी अर्पित किए जाते हैं।

नाग पंचमी के दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं। घरों में नाग देव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित की जाती है और प्रार्थना का आयोजन किया जाता है। दीपक जलाना और संकल्प लेना भी इस दिन करने योग्य कार्यों में शामिल है। 

कुछ स्थानों पर लोग अपने घरों में नागों की रंगोलियाँ बनाते हैं। दरवाजों और घर के बाहर नागों की तस्वीरें बनाई जाती हैं। नाग पंचमी मनाने के अनेक रीति-रिवाज हैं।

नाग पंचमी मनाने से होने वाले फायदे

  1. नाग देवताओं को दूध अर्पित करने से 'काल सर्प दोष' दूर होता है। 
  2. कई लोग इस दिन व्रत रखकर सांप व सर्पदंश से मुक्ति पाने की कामना करते हैं।
  3. नाग पंचमी वर्षा ऋतु में आता है। इस समय सांप अपने बिल छोड़ देते हैं क्योंकि बिल पानी से भर जाते हैं। ऐसे में सांप डर के कारण इंसानों पर हमला कर सकते हैं। लेकिन अगर इंसान उन्हें दूध या भोजन खिलाएं तो वे शांत हो जाते हैं। सांपों की याददाश्त बहुत तेज होती है, वे उन लोगों को याद रखते हैं जिन्होंने उन्हें दूध या भोजन दिया था। इसलिए वे ऐसे लोगों पर हमला नहीं करते। इसी कारण नाग पंचमी पर लोग सांपों को भोजन देकर उनकी पूजा करते हैं ताकि सांपों से कोई नुकसान न हो।
  4. नाग पंचमी के दिन जमीन खोदना वर्जित है क्योंकि ऐसा करने से सांपों की हानि हो सकती है। 
  5. नाग पंचमी को भतृ पंचमी भी कहा जाता है, जब बहनें भाई की रक्षा के लिए सांपों को दूध अर्पित करती हैं।

पूजा करने की विधि:

  • सुबह उठकर स्नान करें और नए वस्त्र पहनें। 
  • घर को गंगाजल से पवित्र करें।
  • पूजा स्थल की सफाई करें और नाग देव की मूर्ति स्थापित करें। 
  • घर के द्वार पर नाग देव के चित्र बनाएं। 
  • नाग देवता की हल्दी, चावल और फूल से पूजा करें। फल, मिठाई और पंचामृत चढ़ाएं।
  • नाग पंचमी के अवसर पर 12 सांपों की पूजा करे। 
  • सपेरों को दक्षिणा दें। 
  • गरुड़ की भी पूजा करें।

FAQ

Q-1. 2023 में नाग पंचमी कब हैं
Ans. 2023 में नाग पंचमी 21 अगस्त को मनाई गई हैं

Q-2. नाग पंचमी के दिन नाग देव की पूजा क्यों की जाती हैं
Ans. नाग देवता को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है। इसलिए सावन में नाग देव की विशेष पूजा की जाती है, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि सावन में नाग देव पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है

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